विनेश फोगाट हरियाणा सरकार से मिली पुरस्कार राशि से खोलेंगी अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी

नई दिल्ली। ओलंपियन और पूर्व रेसलर विनेश फोगाट ने घोषणा की है कि वह हरियाणा सरकार से मिले 4 करोड़ रुपए के पुरस्कार को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी खोलने में खर्च करेंगी। यह पुरस्कार उन्हें पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया है।
हरियाणा की खेल नीति देश में सबसे बेहतरीन मानी जाती है, जो खिलाड़ियों को तीन विकल्प- जमीन, नौकरी या नकद राशि प्रदान करती है। ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेताओं को 6 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेताओं को 4 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 2.5 करोड़ रुपए दिए जाते हैं।
विनेश फोगाट महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन फाइनल से ठीक पहले हुए दूसरे वजन परीक्षण में तय सीमा से थोड़ा अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बावजूद, हरियाणा सरकार ने उन्हें रजत पदक विजेता के बराबर 4 करोड़ रुपए की राशि देने का निर्णय लिया।
विनेश ने इस राशि को नकद में लेने का विकल्प चुना और अब वह इसे अपने वर्षों पुराने सपने को साकार करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी स्थापित करने में उपयोग करेंगी।
विनेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “एक खिलाड़ी की मेहनत को सम्मान देना ही असली जीत है। जनता ने मुझे जो प्यार, भरोसा और ताकत दी, अब वक्त है उसका कर्ज चुकाने का।” उन्होंने आगे कहा, “अब मेरी ज़िम्मेदारी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि उन हजारों सपनों की भी है, जो खेल के ज़रिए एक सुरक्षित और सकारात्मक भविष्य की ओर बढ़ना चाहते हैं।”
विनेश ने लिखा कि उनका सपना हमेशा से था कि अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं और प्रेरणादायक माहौल मिल सके। उन्होंने सरकार और जनता का आभार जताते हुए कहा कि यह पुरस्कार राशि सिर्फ इनाम नहीं, बल्कि वर्षों से संजोए गए सपने को साकार करने का माध्यम है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं। हालांकि, वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण फाइनल में भाग नहीं ले सकीं और बाद में उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी।
संन्यास के बाद विनेश राजनीति में सक्रिय हुईं और हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर अब विधायक बन चुकी हैं।