डॉ वंदना अग्रवाल 
Sharenting (शेयरेटिंग) का  मतलब है कि माता-पिता अपने बच्चे की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्यार से साझा करते हैं। लेकिन, क्या आप ऑनलाइन तस्वीरें डालने के जोखिमों और ख़तरों को जानते हैं ? आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक के युग में, ऑनलाइन अपराध दर में भारी वृद्धि हुई है। आपने सुना होगा की फलां कंपनी ( जैसे फ़ेसबुक ) से डेटा चोरी हो गई। यह डेटा क्या है? डेटा यानी आपके पिक्चर्स, डेट ऑफ़ बर्थ, आइडेंटिटी, लोकेशन,  आपका फ़ैमिली बैकग्राउंड  आदि।

क्या आप जानते हैं कि आपके पिक्चर्स के ज़रिए आपकी नक़ली आइडेंटिटी बनायी जा सकती है? इसके ज़रिए ऐसे-ऐसे काम किये जा सकते हैं, जिससे आपको ज़ेल हो सकती है।  आपकी या आपके परिवार में से किसी की आवाज़ को कापी करके स्कैम किया जा सकता है।

सही आंकड़ें पोस्ट नहीं करें
माता-पिता ने बच्चे के सोशल मीडिया पेज को सभी वास्तविक पहचान और व्यक्तिगत डेटा,  जैसे नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम आदि के साथ शुरू करते हैं। आप लोगों के लिए आप सिर्फ़ अपने बच्चे की यादें सुरक्षित कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके आपके बच्चे का जीवन नष्ट करने के लिए इन आंकड़ों का उपयोग किया जा सकता है। 

तो डीपफेक का शिकार हो जाएंगे 
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से लोग डीपफेक बना सकते हैं। डीपफेक संपादित चित्र या वीडियो है, जो लगभग वास्तविक दिखते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से लोग 8-9 साल के बच्चे की तस्वीर का उपयोग कर सकते हैं और 16 साल की तस्वीर की तरह दिखने के लिए बदलाव कर सकते हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से अपराधी आपके बच्चे की नक़ली पहचान बना सकते हैं, जो वास्तविक दुनिया में मौजूद नहीं हैं और वे इन तस्वीरों के साथ अपराध करते हैं। वे बच्चे की आवाज़ का भी उपयोग कर सकते हैं और पैसे के लिए घोटाला कर सकते हैं। उदाहरण के लिए वे आपके बच्चे की आवाज़ में एक ऑडियो भेजेंगे कि उनका अपहरण कर लिया गया है और बदले में ऑनलाइन पैसा चाहेंगे। डर से आप उन्हें देते हैं, लेकिन वास्तव में आपके बच्चे का कभी अपहरण नहीं किया गया था।

इसलिए रहिए सावधान 
आप लोगों के लिए यह बुरे अनुभवों की तरह रहेगा। लेकिन आपके बच्चे के लिए यह डिजिटल पैरों के निशान के रूप में रहेगा और उन्हें जीवन भर परेशान करेगा। इसलिए कृपया ऑनलाइन कुछ भी पोस्ट करने से पहले अतिरिक्त विचारशील रहें। आगे जा कर टेक्नोलॉजी और ज़्यादा एडवांस होगी और दुनिया ज़्यादा डिजिटल। क्राइम भी ज़्यादा डिजिटल और टेक बेस्ड होंगे । इसलिए सावधान रहें।