रायपुर :  राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित ‘बिहान’ योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं और युवतियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना से जुड़कर जिले की कई महिलाएं आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इन्हीं में से एक हैं माकड़ी विकासखंड के ग्राम गुमड़ी की नीलबती नाग, जिन्होंने ‘बिहान’ से जुड़कर न केवल अपने परिवार को संबल दिया, बल्कि अपनी नई पहचान भी बनाई।

पहले नीलबती नाग के परिवार को जीवनयापन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वे और उनके पति रामदयाल नाग मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। कठिन आर्थिक हालात और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वर्ष 2014 में नीलबती ‘बिहान’ योजना से जुड़ीं और महिला बचत स्व-सहायता समूह की सदस्य बनीं। आज वे समूह में सचिव के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

माकड़ी विकासखंड की टीम के मार्गदर्शन में उन्होंने समूह की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया और उन्हें बिहान से जोड़ा। समूह से ऋण प्राप्त कर नीलबती ने अपने गांव में एक किराना दुकान की शुरुआत की। उन्होंने दुकान को सुव्यवस्थित ढंग से सजाया और स्थानीय जरूरत के अनुसार आवश्यक वस्तुओं को रखीं, जिससे गांववासियों को सुविधा मिली। आज नीलबती को किराना दुकान से प्रतिमाह लगभग 8,000 रुपये की आय हो रही है। इसके अलावा महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने 01 हजार रूपए प्रतिमाह लाभ भी मिल रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल आत्मनिर्भर हुईं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया। उनकी यह सफलता उन तमाम ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो जीवन में बदलाव लाने की इच्छा रखती हैं। नीलबती नाग ने यह साबित किया कि महिलाएं अपनी दृढ़ संकल्प से अपने परिवार के जीवन को नई दिशा दे सकती हैं।