चंडीगढ़, हरियाणा में 5 सीटों पर जीत से इस बार प्रदेश कांग्रेस मजबूत हुई वहीं चुनाव परिणाम के बाद टिकट बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ गया है। चुनाव में जीतने वाले 4 सांसद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में एकजुटता दिखा रहे हैं लेकिन कुमारी सैलजा सबसे अलग चल रही हैं। वह आए दिन नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के फैसलों पर सवालिया निशान लगा रही हैं। हालांकि एसआरके गुट में रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी ने चुप्पी साध रखी है। 
वहीं सिरसा से सांसद बनने के बाद सैलजा ने हरियाणा में जिलास्तर पर अपने समर्थकों को लामबंद करना शुरू कर दिया है। उनके समर्थकों के साथ बैठकों के दौरान सैलजा लगातार लोकसभा चुनाव में टिकट आवंटन को लेकर बयान दिए जा रहे हैं। सैलजा ने अंबाला में वरुण मुलाना को उनकी सिफारिश पर टिकट दिए जाने का बयान देकर सभी को चौंका दिया है। फिर उन्होंने गुड़गांव और भिवानी-महेंद्रगढ़ में टिकट बंटवाने को लेकर सवाल भी खड़े किए हैं।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि और बेहतर तरीके से टिकट वितरण कर सकते थे। सैलजा ने अपनी ही पार्टी से पूछा कि कैंडिडेट इम्पोर्ट करने की जरूरत क्यों पड़ी। उन्होंने माना कांग्रेस में गुटबाजी है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे ही तेरा मेरा करते रहे तो मुश्किल हो जाएगी। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सैलजा ने कहा कि प्रभारी को निष्पक्ष होगा होगा। मैरिट के आधार पर टिकटें दी जाएं। सीएम पद को लेकर सैलजा ने कहा कि इसका फैसला हाईकमान करेगा। वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुप हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने भी सैलजा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि वह पार्टी में वरिष्ठ हैं। उन्हें जो भी बात कहनी है वह पार्टी के प्लैटफॉर्म पर आकर कहें। कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि टिकट वितरण बेहतर हुआ था तभी हरियाणा में कांग्रेस को 5 सीटों पर जीत मिली व हरियाणा में कांग्रेस का ग्राफ भी बढ़ा है। कुमारी सैलजा को इस तरह से जनता में या फिर मीडिया में बयान नहीं देना चाहिए। कांग्रेस इस चुनाव के बाद मजबूत होकर उभरी है और प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 70 से अधिक सीटों पर जीतकर कांग्रेस सरकार बनाएगी।