भोपाल । प्रदेश में दो साल पहले सभी यात्री वाहनों में यात्री सुरक्षा के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) अनिवार्य किए गए थे। इसके तहत वाहनों में सुरक्षा के लिए पैनिक बटन लगाए गए हैं, जिन्हें परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। किसी भी आपात स्थिति में इसे दबाकर यात्री सहायता मांग सकते हैं, लेकिन यात्री सुरक्षा के ये यंत्र अब वाहन मालिकों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं। इनके रिचार्ज में परेशानी आ रही है और एक्टिव न होने पर परिवहन विभाग फिटनेस से इनकार कर रहा है। इस मामले की शिकायत बस संचालकों ने परिवहन आयुक्त और प्रमुख सचिव से की है।
प्रदेश में यात्री वाहनों में यात्रियों खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए परिवहन विभाग द्वारा दो साल पहले प्रदेश के सभी यात्री वाहनों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य किया था। डिवाइस न लगवाने पर वाहनों के फिटनेस को रोक दिया गया था। इसके लिए भोपाल में विशेष कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। इस व्यवस्था तहत अगर कोई भी यात्री असुरक्षित महसूस करने पर यात्री वाहन में लगा पैनिक बटन दबाता है तो तुरंत कंट्रोल रूम में वाहन की पूरी जानकारी के साथ उसकी लोकेशन का अलर्ट पहुंच जाता है। इस पर कंट्रोल रूम से तुरंत नजदीकी परिवहन और पुलिस अधिकारियों को सूचित करते हुए सहायता पहुंचाई जाती है। इस डिवाइस को लगाने के लिए राज्य शासन ने कुल 24 कंपनियों को अधिकृत किया है। ज्यादातर कंपनियों द्वारा जो डिवाइस वाहनों में लगाए गए हैं, उन्हें हर दो साल में रिचार्ज करना होता है। प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि दो साल पूरे होने पर जब वाहन मालिक कंपनियों के डीलर्स के माध्यम से रिचार्ज करवाने जा रहे हैं तो वे इसमें 8 से 10 दिन का समय लगा रहे हैं। इस बीच वाहन फिटनेस पर जाता है तो रिचार्ज की रसीद दिखाने पर भी अधिकारी उसका फिटनेस नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वाहन मालिक बिना फिटनेस वाहन चलाने पर मजबूर हैं।

देरी पर कंपनी को किया जाए ब्लैक लिस्टेड
शर्मा ने बताया कि प्रदेश में रोजाना 200 से ज्यादा बसें फिटनेस पर जाती हैं और लगभग सभी इस परेशानी से गुजर रही हैं। भोपाल में ही रोजाना 10 से 15 वाहनों को लौटाया जा रहा है। इस व्यवस्था में बसों के साथ ही कार टैक्सी जैसे अन्य यात्री वाहन भी शामिल हैं। इसे लेकर परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता और प्रमुख सचिव परिवहन एसएन मिश्रा को पत्र लिखते हुए मांग की गई है कि कंपनियां रिचार्ज की व्यवस्था के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाए, साथ ही समय पर रिचार्ज न करने वाली कंपनियों को परिवहन विभाग ब्लैक लिस्ट करे। उन्होंने बताया कि परेशानी का तुरंत समाधान न होने पर बस संचालक आंदोलन करेंगे।