महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा ही हलचल बनी रहती है। अब यहां आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अमोल मितकारी ने इस बात को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं कि यदि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों घटक दल 100 सीटों की मांग पर जोर देते हैं तो महायुति के सदस्य अकेले चुनाव लड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि अमोल के ऐसा बयान देने से भाजपा नाराज हो गई है। मितकारी ने मंगलवार शाम को एक कार्यक्रम में 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के भीतर ऐसी मांगों को शामिल करने की अव्यवहारिकता पर जोर दिया। बता दें कि महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है। एनसीपी के प्रवक्ता और एमएलसी मितकारी ने कहा कि अगर हर घटक आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर देता है तो पार्टियों को अलग-अलग चुनाव लड़ना होगा। 288 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 55 सीटों की पेशकश की जाएगी तो पार्टी को यह मंजूर नहीं होगा।

भाजपा ने किया पलटवार

विधान परिषद में भाजपा विधायक दल के नेता प्रवीण दरेकर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, 'मितकारी पर उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगाम लगानी चाहिए। पार्टी प्रमुख या प्रदेश अध्यक्ष को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मितकारी को इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार है या नहीं। सीट बंटवारे पर शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा होगी।' मितकारी ने हाल ही में एनसीपी प्रमुख अजित पवार का बचाव करते हुए भाजपा नेताओं की आलोचना की थी। पुणे पोर्श कार दुर्घटना के बाद मितकारी ने आरोप लगाया था कि इसी तरह की घटनाएं उस समय भी हुई थीं, जब भाजपा नेता और राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल पुणे जिले के संरक्षक मंत्री थे। भाजपा ने मितकारी के दावों का खंडन किया था और एनसीपी से उन्हें इस तरह की टिप्पणी के खिलाफ आगाह करने का आग्रह किया था। मितकारी ने हाल ही में दलित नेता प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन की वकालत की थी, जिसमें कहा गया था कि यह उनका व्यक्तिगत विचार था।